Mohenjodaro Ki Khoj Kisne Ki
मोहनजोदड़ो की खोज राखलदास बनर्जी ने 1922 ई. में की थी।
राखलदास बनर्जी भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के एक अधिकारी थे। उन्होंने 1921 ई. में सिन्धु नदी के किनारे सक्खर ज़िले में एक बड़े टीले की खोज की। इस टीले को उन्होंने मोहनजोदड़ो नाम दिया। यह खोज भारतीय इतिहास में एक महत्वपूर्ण घटना थी। मोहनजोदड़ो सिन्धु घाटी सभ्यता का सबसे बड़ा और महत्वपूर्ण शहर था। इस शहर की खुदाई से सिन्धु घाटी सभ्यता के बारे में बहुत कुछ जानने को मिला।
मोहनजोदड़ो की खुदाई का कार्य भारतीय पुरातत्व सर्वेक्षण के महानिदेशक जान मार्शल के निर्देश पर किया गया। खुदाई में कई महत्वपूर्ण चीज़ें मिलीं, जिनमें शहर के भवनों के अवशेष, सड़कें, नालियाँ, बाज़ार, स्नानागार, मंदिर और अन्य कलाकृतियां शामिल हैं। इन चीज़ों से पता चलता है कि मोहनजोदड़ो एक समृद्ध और उन्नत शहर था।
मोहनजोदड़ो की खोज ने भारतीय इतिहास को एक नया मोड़ दिया। इस खोज से पता चला कि भारत में सिन्धु घाटी सभ्यता का अस्तित्व था, जो दुनिया की सबसे प्राचीन सभ्यताओं में से एक थी।